Matkar Maya ka Anhkar Full Song Lyrics Hindi and English | Scam 1992


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First of all Lets Feel the Song

Mat kar Maya ko ahkar hindi Lyrics | Scam 1922

मत कर माया को अहंकार,

मत कर काया को अभिमान,

काया गार से काची — 2

ओ काया गार से काची ,

हो जैसे ओस रा मोती,

झोंका पवन का लग जाए,

झपका पवन का लग जाए,

काया धूल हो जासी — 2

ऐसा सख्त एक महाराज,

जिसका मुल्कों पे था राज,

जिन घर झूलता हाथी — 2

ओ जिन घर झूलता हाथी,

हो जैसे ओस रा मोती,

झोंका पवन का लग जाए,

झपका पवन का लग जाए,

काया धूल हो जासी — 2

रे मत कर माया को अहंकार …

भरयो सिन्दड़ा में तेल,

जहाँ से रच्यो है सब खेल,

जल रही दिया की बाती — 2

ओ जल रही दिया की बाती,

हो जैसे ओस रा मोती,

झोंका पवन का … रे मत कर माया को अहंकार …

खूट्यो सिन्दड़ा रो तेल,

बिखर गयो सब निज खेल,

बुझ गयी दिया की बाती — 2

ओ बुझ गयी दिया की बाती,

हो जैसे ओस रा मोती,

झोंका पवन का …

ओ लाल मेरे लाल,

तेरा कौन क्या हवाल,

जिसको जम्म (यम) ले जासी — 2

ओ जिसको जम्म ले जासी,

हो जैसे ओस रा मोती,

झोंका पवन का …

झूठा माई थारो बाप,

झूठो सकल सब परिवार,

झूठी कूटता छाती — 2

ओ झूठी कूटता छाती,

हो जैसे ओस रा मोती,

झोंका पवन का …

बोल्या भवानी हो नाथ,

गुरु ने जो सर पे धरया हाथ,

जिनसे मुक्ति हो जासी — 2

( मुक्ति सतत है, इसलिए इस पंक्ति में ‘ओस रा मोती’ नहीं गाएंगे )

रे मत कर माया को अहंकार,

मत कर काया को अभिमान,

काया गार से काची — 2

ओ काया गार से काची ,

हो जैसे ओस रा मोती,

झोंका पवन का लग जाए,

झपका पवन का लग जाए,

काया धूल हो जासी — 2

Mat kar Maya ko ahkar English Lyrics | Scam 1922

Don’t be deluded by Maaya,
don’t take pride in the body It's as fragile as clay,
like a drop of dew A blast of wind,
just a little gust And the body will turn to dust!
There was a stern king,
famed among nations Elephants swayed in his court,
Like a drop of dew The clay lamp was filled with oil,
From it this play unfurled The light burns in the lamp,
Like a drop of dew.
The clay lamp ran out of oil,
the play scattered The light went out in the lamp,
like a drop of dew Oh you dear one,
precious and beloved,
how will you feel when Death takes you away?
Death will take you away,
like a drop of dew Mother father — illusion.
Family ties — illusion Mourning,
beating your chest — illusion,
like a drop of dew Says Bhavani Nath — My guru laid his hand on my head Liberation is mine,

Like a drop of dew.

Thank You For Coming Here!!
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